Thursday, 6 April 2023

गिलहरी और कौवा" हम सब लोग कक्षा 3-4में पढ़े हैं//हर रोज पढ़ो एक नई कहानी

 

गिलहरी और कौवा"

कक्षा 3 या 4 मे एक पाठ था जिसका नाम मुझे ठीक से याद नही, सायद पाठ का नाम होगा "गिलहरी और कौवा" , जिसमे गिलहरी मेहनती होती है, और कौवा जो कि आलसी होता है l जब भी गिलहरी अपने खेत मे काम करने जाया करती है तो वो, कौवे को भी उसके (कौवे के) खेत मे काम करने के लिए चलने को कहा करती थी, मगर आलसी कौवा हर बार एक ही बात बोला करता है 👉"तू चल मैं आता हूँ - रूखा सुखा खाता हूँ - चुपड़ी रोटी खाता हूँ - ठंडा पानी पीता हूँ - हरी डाल पर बैठा हूँ " l इस तरह कौवा अपने खेत का हर काम लेट लपाट ही किया करता था l जब फसल पक करके तैयार हो जाती है, और फसल काटकर खेत मे सुखाने के लिये छोड़े रहते हैं, तो एक दिन अचानक मौसम बहुत खराब हो जाने पर गिलहरी कौवे को फसल को, सुरक्षित स्थान पर, संभालने चलने को कहती है, तो आलसी कौवा अपना वही गाना गाने लगता है 😡👉"तू चल मैं आता हूँ.......... और फिर कुछ समय बाद तेज मुसलाधार बारिश हो जाती है l मगर तब तक गिलहरी अपना सारा अनाज सुरक्षित स्थान पर संभाल चुकी होती है, किन्तु कौवा जो कि गाना गाने मे ही रह जाता है, उसकी सारी फसल बरसात के पानी में भीग कर, बह जाती है l अब कौवा मायूस होकर पछता रहा होता है l भले ही मौजूदा समय मे ये कहानी हमें normal लगे, और उतनी रोमांचक या मस्त ना लगे, but जब हम छोटे थे, तब मेरी ही तरह मेरे और भाईयों को भी, ये कहानी बहुत ही प्यारी और मस्त लगी होगी. इस कहानी को पड़ कर, मैं मन मे सोचा करता था 🤔 कि अच्छा हुवा कौवे के साथ 😝😝😝😝😄👆ये कहानी भी बचपन की मेरी बेस्ट favorite. कहानियों मे से एक रही है, अगर किसी भाई - बहन के पास इस कहानी के pages pics हो तो मेरी रिक्वेस्ट है कि pls pls जरूर share करें और ये कौन सी क्लास मे थी किसी को मालूम हो,तो pls जानकारी साझा करें l आपका बहुत बहुत धन्यवाद🙏 जैसे कि मेरे एक मित्र AMIT जी ने, अभी हाल ही मे, बचपन कि क्लास की "अपना काम स्वयं करो" कहानी की pic share करी थी, इन भाई को मेरा कोटि कोटि धन्यवाद 🙏

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मुझे उम्मीद है ऐसी कहानी बहुतों के साथ हुआ होगा

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